T-19
T-19/32 इस ज़ईफ़ी में ये कहने लगा बेटा मुझसे-याक़ूब आज़म
इस ज़ईफ़ी में ये कहने लगा बेटा मुझसे बोझ उठता नहीं अब आपका बाबा मुझसे मैं मुक़द्दर तो नहीं तेरा बदल पाउँगा कह रहा है यही क़िस्मत का सितारा मुझसे हौसलों ने मुझे चट्टान बना रक्खा था इसलिये सामने आया जो वो हारा मुझसे हुस्नो-इख़्लास की मिट्टी है सरापा मेरा हो न पायेगा कभी अम्न […]
T-19/31 चाँद ख़ामोश, मुख़ातिब है सितारा मुझसे-इरशाद खान ‘सिकंदर’
चाँद ख़ामोश, मुख़ातिब है सितारा मुझसे ये रवैया है बहरहाल तुम्हारा मुझसे अब तो कह सकता हूँ गर इश्क़ ने पूछा मुझसे मैंने वो कर दिया जो उसने कहा था मुझसे बोझ कांधों पे अगर हो तो उठा लूँ मैं भी बोझ पलकों का उठाया नहीं जाता मुझसे दरो-दीवार से इक शक्ल उभर सी आयी […]
T-19/29 चाक चलता है मगर कुछ नहीं बनता मुझसे-तुफ़ैल चतुर्वेदी
चाक चलता है मगर कुछ नहीं बनता मुझसे ख़ुद हुनर करने लगा है मिरा शिकवा मुझसे अश्क में तैरती यादें ही रहेंगी मुझमें फिर मिरे दिल ने गयी रात ये पूछा मुझसे चाशनी घोल दी कड़वाहटें सच की न गयीं और फिर बदला भी जाता नहीं लहजा मुझसे मनअ करने से तिरे रास्ता मेरा न […]
T-19/28 करके वादा न कभी कोई निभाया मुझसे-बिमलेंदु कुमार
करके वादा न कभी कोई निभाया मुझसे मेरे अपनों ने किया क्यों ये दिखावा मुझसे इतना झुलसाया है उम्मीद के सूरज ने मुझे अब तो साये का भी वाजिब है तक़ाज़ा मुझसे उसकी आँखों में था बेनाम सा मौसम कैसा कोई उम्मीद न वादा न ही शिकवा मुझसे जहाँ यादों का परिंदा भी न पर […]
T-19/27 ऐसे नाराज़ न हो मेरे मसीहा मुझसे-‘खुरशीद’ खैराड़ी
ऐसे नाराज़ न हो मेरे मसीहा मुझसे दर्दे-उल्फ़त न सहा जायेगा तन्हा मुझसे सारी दुनिया के सितम एक अकेले दिल पर इक मुहब्बत का गुनह ही तो हुआ था मुझसे आँसुओं की ये घटायें ये जिगर की ताबिश जिंदा रहने के लिए मेरा उलझना मुझसे मैं बुरा हूं ये हक़ीक़त है अज़ीज़ो लेकिन ढूंढ कर […]
T-19/26 इश्क़ का रोग भला कैसे पलेगा मुझसे-प्रखर मालवीय ‘कान्हा’
इश्क़ का रोग भला कैसे पलेगा मुझसे क़त्ल होता ही नहीं यार अना का मुझसे गर्म पानी की नदी खुल गयी सीने पे मेरे कल गले लग के बड़ी देर वो रोया मुझसे मैं बताता हूँ कुछेक दिन से सभी को कमतर साहिबो ! उठ गया क्या मेरा भरोसा मुझसे इक तेरा ख़ाब ही काफ़ी […]
T-19/25 मुंसिफ़ों ने नहीं पूछी मेरी इच्छा मुझसे-आशीष नैथानी ‘सलिल’
मुंसिफ़ों ने नहीं पूछी मेरी इच्छा मुझसे जाने किस बात से नाराज़ है दुनिया मुझसे नौकरी छूटी तो फिर देर से घर आने लगा डर था माँगे न खिलौना मिरा बच्चा मुझसे हिज़्र की रात मेरे साथ ग़ज़ब और हुआ रौशनी माँग रहा था जो अँधेरा मुझसे खर्च कर दे मुझे तू अपने लिए चैन […]
T-19/24 साहिबो उठ गया क्या मेरा भरोसा मुझसे-ज़ुहेबुद्दीन
साहिबो उठ गया क्या मेरा भरोसा मुझसे भागता फिरता है मेरा ही ये साया मुझसे जितना मैं उड़ता रहा उड़ता रहा उड़ता रहा उतनी ही होती गयी दूर ये दुनिया मुझसे उसकी ये ज़िद है कि दस्तार लिये आऊँ मैं उसने माँगा है ये अंदाज़ जुदा सा मुझसे मेरी आँखों ने कई बार छुआ है […]
T-19/23 क्या शबो-रोज़ महकते थे समां था मुझसे-नवनीत शर्मा
क्या शबो-रोज़ महकते थे समां था मुझसे जब गयी रुत में हुआ नाम किसीका मुझसे जी! मिरे साथ हैं कुछ ओस सी रातें लेकिन आंख में बैठा ये सूरज नहीं ढलता मुझसे दिन के ज़ख़्मों पे कोई जैसे लगा दे मरहम यूं लिपटता है मियां शाम का साया मुझसे ख़ार तसलीम हैं सारे ही तिरे […]
T-19/22 क्या कहा ज़िल्ले-इलाही पे क़सीदा मुझसे-‘शफ़ीक़’ रायपुरी
क्या कहा ज़िल्ले-इलाही पे क़सीदा मुझसे मुहतरम ऐसी तवक़्क़ो नहीं रखना मुझसे मुज़्तरिब हूँ कि धुले कैसे ग़ुबारे-ख़ातिर खुल के तन्हाई में होता नहीं रोना मुझसे हार बैठा हूँ मैं अब होशो-ख़िरद की बाज़ी अब तअल्लुक़ न रहा कोई भी मेरा मुझसे क्यों मिरे ऐब गिनाती है ज़माने भर को क्यों मिरे सामने कहती नहीं […]
T-19/21 हो सका उसका तसन्नो न गवारा मुझ से-शाज़ जहानी
हो सका उसका तसन्नो न गवारा मुझ से आख़िरश कर ही लिया उसने किनारा मुझ से बात जो उसकी ज़ुबाँ पर न कभी आ पाती कह गया आँख का हल्का सा इशारा मुझ से दे नहीं पायेगा आईना मुझे अब धोखा हो चुका है मेरा किरदार बरहना मुझ से उम्र काफ़ी न हुई जिसकी तलाफ़ी […]
T-19/20 काश चिड़िया हो कबूतर हो कि तोता मुझसे-फ़ज़ले-अब्बास सैफ़ी
काश चिड़िया हो कबूतर हो कि तोता मुझसे बात करने लगे हर एक परिंदा मुझसे दे के क्यों छीन लिया आपने सिक्का मुझसे पूछता रहता है मेहनत का पसीना मुझसे क्या ख़बर थी कि मिलेगा जो बुढ़ापा मुझसे आँख फेरेगा मिरी आँख का तारा मुझसे मैं ही दुनिया का नहीं आख़िरी इंसान मियां मैं अगरचे […]
T-19/19 देखता रहता है और कुछ नहीं कहता मुझसे-मनोज कुमार मित्तल ‘कैफ़’
देखता रहता है और कुछ नहीं कहता मुझसे बेज़ुबां उसका है ख़ामोश सा रिश्ता मुझसे मैं कि इंसां हूं मिरी ज़ात बदलती कैसे वो मिला जब भी मिला बनके फ़रिश्ता मुझसे फ़र्ज़ आज़ाद फ़िज़ाओं की तरफ़दारी है छीन ले जाय शही चाहे ठिकाना मुझसे अबतो बाक़ी है मिरे तन पे ज़रूरत का लिबास वक़्त ने […]
T-19/30 कर रही थीं दमे-रुख़सत वो तक़ाज़ा मुझ से-मुमताज़ नाज़ां
कर रही थीं दमे-रुख़सत वो तक़ाज़ा मुझ से उम्र भर बोझ उन आँखों का न उट्ठा मुझ से वक़्त ने डाली हैं कुछ ऐसे ख़राशें रुख़ पर आज कल डरने लगा है मिरा साया मुझ से खोयी रहती हूँ मैं माज़ी के सनमख़ानों में किस क़दर लिपटा हुआ है ये ख़राबा मुझ से दर ब […]
T-19/17 अच्छा बनने का नहीं होता दिखावा मुझसे-डॉ मुहम्मद ‘आज़म’
अच्छा बनने का नहीं होता दिखावा मुझसे क्या करूँ सब को कहा जाये न अच्छा मुझसे कमतरी के मुझे अहसास ने क्यों जकड़ा है “साहिबो उठ गया क्या मेरा भरोसा मुझसे” इस हथेली में नहीं अच्छे दिनों की रेखा देख कर हाथ नजूमी ने कहा था मुझसे तू भी वैसा न रहा जैसा कभी दिखता […]
T-19/16 काम ले ऐसा ज़बरदस्त ख़ुदाया मुझसे-नासिर अली ‘नासिर’
काम ले ऐसा ज़बरदस्त ख़ुदाया मुझसे जगमगाता रहे हस्ती का सितारा मुझसे बैठ जाता है मज़े से वो मिरे कांधे पर किस क़दर हिल गया मासूम परिंदा मुझसे पूछिये मुझसे कि अहसासे-यतीमी क्या है छिन चुका है मिरे माँ-बाप का साया मुझसे ग़ैर तो ग़ैर हैं अपने भी हुए बेगाने कौन रखता है यहाँ दर्द […]
T-19/15 मुझसे कुछ कम भी मिले कोई तो कहना मुझसे-आसिफ़ ‘अमान’
मुझसे कुछ कम भी मिले कोई तो कहना मुझसे आप निकले हो यहाँ ढूँढने अच्छा मुझसे फ़ैसला उसको नहीं भूलने का आया है मेरा कब से था इसी बात का झगड़ा मुझसे तिश्नगी ले के मैं लौटा तो दिखा प्यासा वो कितनी उम्मीद लगा बैठा था दरिया मुझसे ये भी ख़ाहिश है कि दुनिया पे […]
T-19/14-मुन्हरिफ़ रहती है हर वक़्त ये दुनिया मुझसे-नूरुद्दीन नूर
मुन्हरिफ़ रहती है हर वक़्त ये दुनिया मुझसे करते रहते हैं मिरे दोस्त भी झगड़ा मुझसे बिक रही है मिरी तस्वीर नुमाइशघर में आजकल अक्स मिरा हो गया महँगा मुझसे जाने क्यों अपने ही साये से मैं घबराता हूँ “साहिबो उठ गया क्या मेरा भरोसा मुझ से” इन दिनों पास मिरे शम्मा-ए-कुश्ता भी नहीं किस […]
T-19 तरही का पुनरारंभ-तुफ़ैल चतुर्वेदी
मित्रो, मनु स्मृति में मित्र की विस्तृत परिभाषा दी गयी है. उसका प्रारम्भ ” राजद्वारे च श्मशाने ..” से होता है. जो राजद्वार अर्थात राज-कोप के समय, श्मशान में साथ खड़ा रहे वही मित्र है. मातृ-शोक के दारुण दुःख के समय मेरे साथ खड़े रहने के लिये बहुत बहुत धन्यवाद. मैं आप सबका ह्रदय से […]
T-19/13 इल्म ने दूर किया मेरा अंधेरा मुझसे-मुनव्वर अली ताज
इल्म ने दूर किया मेरा अंधेरा मुझसे दूर अब रह नहीं सकता है सवेरा मुझसे पूछते क्या हो मिरी ज़ात का किस्सा मुझसे छीन कर खा गई सरकार निवाला मुझसे तब्सिरा कर क्या दिया मैने अदा का उनकी लोग करने लगे चाहत का तकाज़ा मुझसे बस ये सुनते ही कि नाज़ां हूँ हुनर पर अपने […]
T-19/12 दर्द लिपटा है ख़यालों में ये कैसा मुझ से-चंद्रभान भारद्वाज
दर्द लिपटा है ख़यालों में ये कैसा मुझ से छोड़कर देख लिया प्यार न छूटा मुझ से फ़ेस बुक पर जो नया दोस्त बना था मेरा कर गया मेरी शराफत में वो धोखा मुझ से पंख हैं पर न उड़ानों की है हिम्मत बाक़ी साहिबो उठ गया क्या मेरा भरोसा मुझ से जब से आँखों […]
T-19/11 आस और यास का वाबस्ता खिलौना मुझसे-असरारुल-हक़ असरार
आस और यास का वाबस्ता खिलौना मुझसे ए ख़ुदा छीन ले अब ये भी तमाशा मुझसे मैंने माना कि ख़राबी ही ख़राबी हूँ मैं मोतबर फिर भी है तेरा ये ख़राबा मुझसे लोग बिकते रहे बाज़ार में सस्ते महंगे मोल तक मेरा किसी ने नहीं पूछा मुझसे तुझ से क्या शिकवा, ज़माने से शिकायत कैसी […]
T-19/10 कह सका हूँ न कहा जायगा ऐसा मुझसे-अभय कुमार अभय
कह सका हूँ न कहा जायगा ऐसा मुझसे मैं समन्दर हूँ मिले कोई न दरिया मुझसे तेरी आँखों के तसव्वुर से हूँ मसरूर बहुत दूर कुछ यूँ भी नहीं साग़रो-सहबा मुझसे दिल ने सौ बार कहा देख ले इबरत होगी फिर भी देखा न गया अपना तमाशा मुझसे अपने ख़्वाबों को भी ताबीर मुझे करना […]
T-19/9 कब से शादाब है, आबाद है सहरा मुझसे-दिनेश नायडू
कब से शादाब है, आबाद है सहरा मुझसे अश्कबारी का कोई सीखे सलीक़ा मुझसे मुझको रो लेने दो अब टूट के रो लेने दो ज़ब्त का हो नहीं पायेगा दिखावा मुझसे वक़्त भी मुझ पे अब इल्ज़ाम लगाने लगा है तब न गुज़रेगा यहाँ एक भी लम्हा मुझसे गूंज बन कर जो भटकती है दिवाने […]
T-19/8 साहिबो उठ गया क्या मेरा भरोसा मुझ से-अहमद सोज़
साहिबो उठ गया क्या मेरा भरोसा मुझ से रोज़ होने लगा है अब मिरा झगड़ा मुझ से देवता हूँ न फ़रिश्ता हूँ न कोई अवतार उस ने उम्मीदें लगा रक्खी हैं क्या-क्या मुझ से थक गया हूँ मैं अदाकारियाँ करते-करते और होने का नहीं अब ये तमाशा मुझ से आँख मायूस, ज़बाँ गुंग, सदा टूटी […]
T-19/7 देखने में तो बज़ाहिर है वो अदना मुझसे-सौरभ शेखर
देखने में तो बज़ाहिर है वो अदना मुझसे मोतबर दरिया में तिनका है ज़ियादा मुझसे और अहसान किये जाती है दुनिया मुझ पर जब कि पिछला ही अभी क़र्ज़ न उतरा मुझसे ऐसे तकती हैं मुझे धूप, हवाएं, बारिश जान को इनकी है जैसे कोई ख़तरा मुझसे लोग फिरते हैं उठाये हुए दुनिया के ग़म […]
T-19/6 भर दुपहरी में कहा करता है साया मुझ से-नवीन सी. चतुर्वेदी
भर दुपहरी में कहा करता है साया मुझ से धूप से तंग हूँ कुछ देर लिपट जा मुझ से आज की रात मुझे पेश करोगे किस को शाम ढलते ही ख़मोशी ने ये पूछा मुझ से तेरे काम आ के इसे चैन मिलेगा शायद आ मिरी जान! मिरी जान को ले जा मुझ से पहले […]
T-19/5 कल गले मिलके सिसकते हुए बोला मुझसे-आलोक मिश्रा
कल गले मिलके सिसकते हुए बोला मुझसे अब न भूले से मिलेगा वो दुबारा मुझसे हाल खुलता ही नही है कभी उसके दिल का जब भी मिलता है वो मिलता है ज़रा सा मुझसे राह में ज़ीस्त के क्या कुछ नहीं छूटा लेकिन इक तिरा ख़ाब ही ताउम्र न छूटा मुझसे अपने हाथों में मैं […]
T-19/4 – जब तेरे गम का कोई तार… मयंक अवस्थी
जब तेरे गम का कोई तार जुडा था मुझसे माँग लेते थे महो-ख़ुर भी उजाला मुझसे जिसकी आँखों मे घटा , जिसके लबों पे सहरा तेरी फ़ुर्क़त ने वो किरदार निकाला मुझसे मैं उसी मोड पे पत्थर सा खडा हूँ कि जहाँ कौन है तू??!! ये मेरे ख्बाब ने पूछा मुझसे दिल ही पत्थर को […]
T-19/3 वो किसी तौर, कहीं भी नहीं मिलता मुझसे-दिनेश कुमार स्वामी ‘शबाब’ मेरठी
वो किसी तौर, कहीं भी नहीं मिलता मुझसे सिर्फ़ टकराता है अब उसका अँधेरा मुझसे बूंद पड़ते ही उभर आया है पौधे की तरह धूल में वो जो कोई नाम गिरा था मुझसे पहली बरसात में ख़ुश हो के बहुत फूल गया दिल का दरवाज़ा कभी बंद न होगा मुझसे इसलिए झील सी आँखों में […]
T-19/2 प्यार की आप न रखिये कोई आशा मुझसे-सिद्ध नाथ सिंह
प्यार की आप न रखिये कोई आशा मुझसे छोड़िये हो न सकेगा ये तमाशा मुझसे वो जो करती है करूँ मैं भी वो देखादेखी ये न उम्मीद रखे कह दो ये दुनिया मुझसे आप को होगा सहल प्यार मे धोख़ा करना बाज़ रखियेगा न हो पायेगा धोखा मुझसे नीची तबक़ाती नजरिये से हैं बस्ती मेरी […]
T-19/1 टिमटिमाते हुए बोला ये सितारा मुझसे-स्वप्निल तिवारी ‘आतिश’
टिमटिमाते हुए बोला ये सितारा मुझसे कोई भी रंग ख़ला का हो खिलेगा मुझसे एक दीवार ने माँगा है सहारा मुझसे सो अलग हो गया है मेरा ही साया मुझसे कातता जाता हूँ मैं तेरा तसव्वुर सुब्ह-शाम टूट जाये न तेरी याद का चरखा मुझसे जिससे इक ज़ायक़ा रहता था उदासी में मिरी खो गयी […]
T-19 तरह में दो शेर-चाक चलता है मगर कुछ नहीं बनता मुझसे-तुफ़ैल चतुर्वेदी
साहिबो श्री गणेश तो कर ही दूँ. हो सकता है बाद में तरह की आपाधापी शेर न कहने दे चाक चलता है मगर कुछ नहीं बनता मुझसे ख़ुद हुनर करने लगा हैं मिरा शकवा मुझसे अश्क में तैरती यादें ही रहेंगी मुझमें ? फिर मिरे दिल ने गयी रात ये पूछा मुझसे
T-19 मिसरा तरह :- साहिबो उठ गया क्या मेरा भरोसा मुझसे
साहिबो, तरही मिसरा निकलने का वक़्त आ गया है. इस बार की तरह का मिसरा हाज़िर है. मुशायरा ख़त्म करने की तारीख़ 31 जुलाई रख लेते हैं और पोस्टिंग 10 जुलाई से करेंगे. इस तरह सोचने के लिये 10 दिन मिलेंगे. इस 10 दिन के पीरियड में अन्य गज़लें पोस्ट होती रहेंगी मगर 10 के […]