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T-33/26 मुझको अपना कहार करना था. बकुल देव

मुझको अपना कहार करना था,
कब उसे दश्त पार करना था ?

सदके में जुनूं के दामन के,
पैरहन तार तार करना था.

दरिया करना था अश्क को पहले,
फिर उसे बेकनार करना था.

शह्रयारी के और थे आदाब,
पहले अपनों पे वार करना था.

बह्स मंज़िल से कुछ न थी,उनको,
शिकव ए रहगुज़ार करना था.

कार ए दुनिया कहां से होता सह्ल ?
दिल को बेरोज़गार करना था.

बकुल देव
9672992110

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2 comments on “T-33/26 मुझको अपना कहार करना था. बकुल देव

  1. दरिया करना था अश्क को पहले,
    फिर उसे बेकनार करना था.

    शह्रयारी के और थे आदाब,
    पहले अपनों पे वार करना था

    Bakul Bhai…Zindabaad. Dheron daad is khoobsurat mukammal ghazal ke liye

    NEERAJ

  2. बेहतरीन।

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