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T-25/16 मैं सारी उम्र अहदे-वफ़ा में लगा रहा-इमरान हुसैन ‘आज़ाद’
मैं सारी उम्र अहदे-वफ़ा में लगा रहा परिणाम कह रहा है ख़ता में लगा रहा सारे पुराने ज़ख्म नये ज़ख्म ने भरे बेकार इतने दिन मैं दवा में लगा रहा कोशिश तो की मगर न सुनी रूह ने मिरी पर जिस्म तो तुम्हारी रज़ा में लगा रहा ऐसा नहीं कि चाँद न उतरा हो बाम […]
वो ख़ुश्बू बदन थी-स्वप्निल तिवारी
वो ख़ुश्बू बदन थी मगर ख़ुद में सिमटी सी इक उम्र तक यूँ ही बैठी रही बस इक लम्स की मुन्तज़िर उसे एक शब ज्यों ही मैंने छुआ, उससे तितली उड़ी, फिर इक और इक और तितली उडी, देर तक तितलियाँ यूँ ही उडती रहीं छंटी तितलियाँ जब कहीं भी न थी वो तभी से […]
४८ देशों तक पहुँचा लफ्ज़ पोर्टल
दोस्तो, नमस्कार, क़रीब छह महीने पहले शुरू हुआ लफ़्ज़ का वेब पोर्टल आज ४८ देशों तक पहुँच चुका है फ़्लेग काउंटर बताता है कि अब तक 6850 + यूनिक विजिटर्स लफ़्ज़ पोर्टल पर आ चुके हैं. फ़्लेग काउंटर के मुताबिक़ एक यूनिक विज़िटर का मतलब होता है एक कम्प्युटर या एक लैपटॉप या एक मोबाइल आदि| यानी 6850कम्प्यूटर्स, लैपटॉप,मोबाइल्स आदि से इस पोर्टल को सर्फ़ किया जा चुका है शुरुआती दिनों […]
एक शेर ग़ालिब के नाम
मिर्ज़ा ग़ालिब…………… नाम ही काफ़ी है. आज उन की पुण्यतिथि है,आइये हम उन के बारे में कुछ बातें करें मिर्ज़ा ग़ालिब की शान में मेरी तरफ से दो पंक्तियाँ हीरे-जवाहरात की महफ़िल का हो गुमान। चुन-चुन के लफ़्ज़ उस ने यूँ मिसरे सजाये थे।। [नवीन सी. चतुर्वेदी] शायरी का ज़िक्र जिन के बिना अधूरा रह […]
कविता- क्या लिखूं ?
मन ने कहा- लिखो कुछ ऐसा कि हर एक के मन को छू जाए हर एक खुद को जुडा पाए व्यक्त हो जिसमें सब के हर्ष विषाद
हमारी कोशिशें हैं इक , नया सूरज उगाने की …
हमारी कोशिशें हैं इस, अन्धेरे को मिटाने की हमारी कोशिशें हैं इस, धरा को जगमगाने की हमारी आंख ने काफ़ी, बडा सा ख्वाब देखा है हमारी कोशिशें हैं इक , नया सूरज उगाने की …. सादर डा. उदय मणि कौशिक कोटा ,राज. 09414260806