11 Comments

एक मतला , एक शेर –मयंक अवस्थी

1.
चाँद पे दाग़ का इल्जाम लगा देते हो
किस सफाई से मियाँ काम लगा देते हो
जब भी किरदार उठाना हो किसी रावण का
तुम कहानी में कहीं राम लगा देते हो
****************
2
मुकाम पाते ही वादे से फिर गया कोई
फलक पे जा के भी आँखों से गिर गया कोई
बड़ी उदास हैं धरती की मुंतज़िर आँखें
जो रात आई तो तारों से घिर गया कोई
****************
3
तारों से और बात में कमतर नहीं हूँ मैं
जुगनू हूँ इसलिये कि फ़लकपर नहीं हूँ मैं
दरिया-ए-ग़म में बर्फ के तोदे की शक्ल में
मुद्दत से अपने क़द के बराबर नहीं हूँ मैं
***************
4
गुमाँ पर कर यकीं मैं खुद को मतवाला बनाता हूँ
मैं जिस दरबे में हूँ उसके लिये ताला बनाता हूँ
अगर नज़रें मिलाता हूँ तो बीनाई को ख़तरा है
मैं हर खुर्शीद को क़ागज़ पे ही काला बनाता हूँ
***************
5
हाले-दिल तुमने इन आँखों से ही सब पूछ लिया
क्या बयाँ दें कि गवाहो से ही जब पूछ लिया
ग़र्द थी मुझपे सफ़र की, तो भरी महफिल में
मेरे लड़के ने मेरा नामो-नसब पूछ लिया
****************
6
उनका शेवा है मेरे क़त्ल का सामां होना
और फिर बाद में तादेर पशेमां होना
कर्बला !! मैं भी यज़ीदों से घिरा हूँ हर सू
मुझको मालूम है क्या शै है मुसलमाँ होना

मयंक अवस्थी (8765213905)

11 comments on “एक मतला , एक शेर –मयंक अवस्थी

  1. बड़ी उदास हैं धरती की मुंतज़िर आँखें kya baat hai Mayank bhaiya……maza aa gaya waahhh waahhh..kaii sher behtareen hain
    dili daad

  2. वल्लाह मयंक साहब
    बड़े खूबसूरत कलाम कहे हैं आपने।
    दिली दाद क़ुबूल करें।

  3. बहुत अच्छे अशआर सर
    दाद कुबूल कीजिये

    सादर

  4. मुकाम पाते ही वादे से फिर गया कोई
    फलक पे जा के भी आँखों से गिर गया कोई
    बड़ी उदास हैं धरती की मुंतज़िर आँखें
    जो रात आई तो तारों से घिर गया कोई

    अगर नज़रें मिलाता हूँ तो बीनाई को ख़तरा है
    मैं हर खुर्शीद को क़ागज़ पे ही काला बनाता हूँ

    बहुत बढ़िया अशआर ..सादर

  5. aha..kya acche acche sher hain bhaiya.. waah waah… kuch ek to shayad lafz me pahle bhi padhe hain… dubara padh kar bhi utna hi lutf aaya…

    जब भी किरदार उठाना हो किसी रावण का
    तुम कहानी में कहीं राम लगा देते हो

    script writing me hum log iski ulti trick use karte hain… Villain ko itna taakatwar bana do ke use haraana almost namumkin lage..tab agar us villain ko harana ho to hero ko khud hi bahut bada banna padega.. bahut lutf aaya aapke ash’aar padh kar..

    • swapnil !! ! aisi posts promote kijiye 4 linein wali posts !! kabhi kabhi change ke liye !! Koi koi sher ya zameen hamaari daayari se baahar aane par hamaari pratyasha se adhik bhi pasand ki jaati hai !! -bahut bahut aabhaar –mayank

  6. Waahh Waahh ..kya hi achhe hi she’r hain bhaiya ..lajawab …Aise she’r padhwane ke liye bahut shukriya ..sadar pranam
    -kanha

Leave a reply to Mayank Awasthi Cancel reply