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T-31/6 कह रही है कुछ ज़बां लेकिन कहानी और है. शरीफ अंसारी
कह रही है कुछ ज़बां लेकिन कहानी और है बेज़बां की दास्ताान ए जि़न्दगानी और है हम तेरे बहके हुए बंदों में शामिल हैं मगर जानते हैं तेरा फ़ज़्ल ए बेकरानी और है हां वो दीवाना बहुत खामोश रहता है मगर उसके…