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T-23 जिंदगी ख़्वाब-ए-तमन्ना से सजाई हुई है. आसिफ़ शम्सी

जिंदगी ख़्वाब-ए-तमन्ना से सजाई हुई है
एक शै ऐसी मिरी जां में समाई हुई है

शाम-ए-फ़ुर्क़त मिरी रोती हुई आंखों के सिवा
एक ख़ामोशी सी आलम प’ भी छाई हुई है

मेरे जज़्बात को ये ख़ाक न कर डाले कहीं
आग जो तुमने मेरे दिल में लगाई हुई है

तेरी बरबादी का इक दिन यही सामां होगी
झूठी शुह्रत जो ज़माने में कमाई हुई है

जिन दिनों मैं भी ज़माने को बुरा कहता था
उन दिनों मेरी भी दुनिया में बुराई हुई है

रूठ कर जबसे गये हैं वो मिरी दुनिया से
उनकी तस्वीेर ही सीने से लगाई हुई है

तोहमत-ए-इश्क़ उठानी तो पड़ेगी लेकिन
हमने ये बात अभी सबसे छुपाई हुई है

जो मुहब्बत का मसीहा था उसीने ‘आसिफ़’
लाश कांधों प’ मुहब्बत की उठाई हुई है

आसिफ़ शम्सी 09259425370

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One comment on “T-23 जिंदगी ख़्वाब-ए-तमन्ना से सजाई हुई है. आसिफ़ शम्सी

  1. वाह आसिफ साहेब बहुत खूब आग जो तुमने मेरे दिल में लगाई हुई है

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