हज़रते-मुसहफ़ी की ग़ज़ल जिस ज़मीन को तरह किया गया
रो के इन आँखों ने दरिया कर दिया
अब्र को पानी से पतला कर दिया
हुस्न है इक फ़ित्नागर उसने वहीं
जिसको चाहा उसको रुस्वा कर दिया
तुम ने कुछ साक़ी की कल देखी अदा
मुझको साग़र मय का छलका कर दिया
बैठे बैठे फिर गयीं आँखें मेरी
मुझको इन आँखों ने ये क्या कर दिया
उसने जब मुझपे चलाई तेग़ हाय
क्यों मैं अपना हाथ ऊँचा कर दिया
‘मुसहफ़ी’ के देख यूँ चेहरे का रंग
इश्क़ ने क्या उसका नक़्शा कर दिया
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पूजा भाटिया की तरही ग़ज़ल
इस तरह से अपना सौदा कर दिया
मुझ में हिस्सा तेरा दुगना कर दिया
कुछ नहीं था देखना तेरे सिवा
मैंने हर चेहरे को तुझसा कर दिया
वक़्त का दिल आ गया मुझ पर तभी
मैंने सबका काम पक्का कर दिया
दूर तक पानी का सहरा था मगर
प्यास ने पानी को रुस्वा कर दिया
मर रहा था प्यास से सहरा तभी
“रो के इन आँखों ने दरिया कर दिया
फेर ली उसने नज़र जाते हुए
काम उसने मेरा आधा कर दिया
ये उदासी हर तरफ़ बिखरे न सो
नाम इसके एक कमरा कर दिया
उस ने सब रक्खा था सब के वास्ते
हम ने सब कुछ तेरा-मेरा कर दिया
पूजा भाटिया 08425848550
इस तरह से अपना सौदा कर दिया
मुझ में हिस्सा तेरा दुगना कर दिया
कुछ नहीं था देखना तेरे सिवा
मैंने हर चेहरे को तुझसा कर दिया
वक़्त का दिल आ गया मुझ पर तभी
मैंने सबका काम पक्का कर दिया
दूर तक पानी का सहरा था मगर
प्यास ने पानी को रुस्वा कर दिया
वाह पूजा जी बहुत सूंदर मुबारक हो
बहुत शुक्रिया सीमा जी
सादर
पूजा
ये उदासी हर तरफ़ बिखरे न सो
नाम इसके एक कमरा कर दिया
बहुत खूब पूजा जी , शानदार ग़ज़ल
मुबारकबाद
सत्य चंदन
आभारी हूँ सत्य चन्दन जी
सादर
पूजा
ये उदासी हर तरफ़ बिखरे न सो
नाम इसके एक कमरा कर दिया
Very nice pooja ji….is shernke liye dil se daad….
Regds..
Bahut shukriya Bimlendu ji
Sadar
Pooja
शुक्रगुज़ार हूँ बिमलेन्दु जी
सादर
पूजा
Pooja saheba, ek ek sheir qabile tareef.. USNE SAB RAKHA THA SABKE WASTE++HAMNE SAB KUCHH TERA MERA KAR DIYA. KAMAL,WAH
Shahid sahab manobal badhane ka tahedil se shukria
Sadar
Pooja
ये उदासी हर तरफ़ बिखरे न सो
नाम इसके एक कमरा कर दिया
Bahut achi gazal hui pooja ji
dili daad qubul kijiye
SAdar
Shukriya Imraan Bhai
Pooja😇