lafzgroup.wordpress.com
T-24/7 न नौसबा की बात है, न ये किसी बयार की-देवेंद्र गौतम
न नौसबा की बात है, न ये किसी बयार की ये दास्तान है नजर पे रौशनी के वार की किसी को चैन ही नहीं ये क्या अजीब दौर है तमाम लोग लड़ रहे हैं जंग जीत-हार की न मंजिलों की जुस्तजू, न हमसफर की आरजू न काफिलों…